The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
महाशिवरात्रि मनाने के आध्यात्मिक कारण
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
देवन जबहीं more info जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश shiv chalisa lyricsl नवावैं॥
शिव आरती
कीन्ह दया तहँ करी Shiv chaisa सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥